उत्तराखंडतेज खबरें

लखवाड़ बांध के निर्माण हेतु प्राप्त एकमात्र टेंडर खोलने की स्वीकृति प्रदान करने पर मुख्यमंत्री का जताया आभार 

लखवाड़ बांध विस्थापित एससी/ एसटी जन कल्याण समिति के अध्यक्ष एवं कृषि उत्पादन मंडी

PKD NEWS CHANNEL:- सुरेंद्र दत्त जोशी

लखवाड़ बांध विस्थापित एससी/ एसटी जन कल्याण समिति के अध्यक्ष एवं कृषि उत्पादन मंडी समिति चकराता के चेयरमैन जगमोहन सिंह चौहान ने लखवाड़ बांध के निर्माण हेतु एकमात्र टेंडर को उत्तराखंड सरकार की कैबिनेट की संपन्न हुई बैठक में इस टेंडर को खोलने की स्वीकृति प्रदान करने पर प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार प्रकट किया है। उन्होंने आशा व्यक्ति की है कि अब बांध निर्माण का कार्य निकट भविष्य में आरंभ होने की उम्मीद समस्त बांध विस्थापितों में व्याप्त हो गई है। उन्होंने कहा कि लखवाड़ बांध की चार बार निविदाएं आमंत्रित की गई, जिसमें एकमात्र निविदा कार्यदाई संस्था उत्तराखंड जल विद्युत निगम को एलएनटी कंपनी द्वारा प्राप्त हुई थी जिसमें एक टेक्निकल प्रॉब्लम आ रही थी कि कम से कम 2 निविदाएं तो होनी ही चाहिए थी, परंतु सरकार ने क्षेत्र के विस्थापितों की मांग पर और लखवाड़ बांध विस्थापित एससी/ एसटी जन कल्याण समिति के आग्रह पर लखवाड़ बांध परियोजना निर्माण के लिए प्राप्त एकमात्र निविदा को विशेष परिस्थितियों में एक हाई पावर कमेटी बनाकर नेगोशिएशन के आधार पर अपनी मंजूरी उत्तराखंड जल विद्युत निगम को प्रदान कर दी है।

जगमोहन सिंह चौहान ने बताया कि समस्त टिहरी और देहरादून जनपद के बांध विस्थापितों में इस समाचार के आने पर हर्ष की लहर व्याप्त हो गई है लगभग 3 दशक से अधिक समय से इस बांध का निर्माण अधर में लटका हुआ था, लेकिन प्रदेश के लोकप्रिय मुख्यमंत्री ने हमारे क्षेत्र की इस जायज मांग को और राष्ट्र निर्माण के लिए इस परियोजना को स्वीकृत करने के लिए अपनी कैबिनेट से प्रस्ताव पास कर दिया था जिसके फल स्वरूप अब भविष्य में यह निविदा खोली जाएगी और अगर कंपनी और कार्यदाई संस्था यूजेवीएनएल की दरों में कोई असमानता होगी तो इसके लिए नेगोशिएशन कमेटी विचार करने के उपरांत सरकार को अपनी रिपोर्ट देगी। अगर नेगोशिएशन में रेट विभाग के स्टीमेट से मिलते हैं तो अब यह कार्य आरंभ होने की उम्मीद है।

मंडी उत्पादन समिति अध्यक्ष ने बांध से प्रभावित होने वाले हजारों किसानो की तरफ से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार प्रकट किया है।

उन्होंने आशा व्यक्त की है कि अब जो भूमिका अधिग्रहण किया जाना है और जिस भूमि का अधिग्रहण हो चुका है उसका मुआवजा जल्दी से मिलने की उम्मीद है ।उन्होंने बताया कि इसी परियोजना के दूसरे पार्ट व्यासी बांध का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है और वहां के किसानों को उनकी परिसंपत्तियों एवं अन्य देनदारियों का भुगतान भी लगभग सरकार द्वारा कर दिया गया था लेकिन लखवाड़ बांध से प्रभावित होने वाले किसानों का अवशेष भुगतान और नए अधिग्रहण की जाने वाली भूमि तथा अन्य परिसंपत्तियों का भुगतान अब तक नहीं हो पाया है। उन्होंने आशा व्यक्त की है कि आज के बाजारी भाव पर सरकार तीन दशकों से बांध निर्माण की बाट जो रही जनता को उचित मुआवजा निर्धारण करेगी। उन्होंने बताया कि जिस तरह से जमरानी बांध की विस्थापित नीति बनाई गई है उसी प्रकार से लखवाड़ बांध की विस्थापित नीति भी बनाई जानी चाहिए क्योंकि जमरानी बांध परियोजना में 90% पैसा केंद्र सरकार दे रही है और 10% राज्य सरकार लगाएगी इसी प्रकार से लखवाड़ बांध में भी 90 परसेंट धनराशि केंद्र सरकार दे रही है और 10 परसेंट राज्य सरकार लगाएगी इसलिए दोनों परियोजनाएं समान है इसलिए भूमि के मुआवजे में और अन्य परिसंपत्तियों में और जो अन्य सुविधाएं बांध प्रभावितों को नियमानुसार मिलनी चाहिए वह मिलनी चाहिए इस पर सरकार को पुनर्विचार करना पड़ेगा।

उन्होंने उस मांग को भी दोहराया है कि परिसंपत्तियों का सर्वे जो वर्षा काल में जोर जबस्ती किया गया है उसके विरुद्ध हम लोग अपना एतराज प्रकट कर चुके हैं उस समय क्षेत्रीय विधायक विकासनगर तथा जिले के प्रभारी मंत्री ने भी अपनी स्वीकृति हमारी समिति को दी थी और लिखित में भी ईडी उत्तराखंड जल विद्युत निगम डाकपत्थर को तथा जिलाधिकारी देहरादून को लिखित में बांध विस्थापितों की इस जायज मांग पर कार्रवाई करने के लिए आदेशित किया था कि लखवाड़ बांध के समस्त प्रभावितों की मांग है कि परिसंपत्तियों का सर्वे दोबारा किया जाए जो सर्वे वर्षा ऋतु में किया गया उससे क्षेत्रवासी संतुष्ट नहीं है।

Related Articles

error: Content is protected !!
Close