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लखवाड़ बांध प्रभावित एसटी/ एससी विस्थापित जन कल्याण समिति द्वारा एक आवश्यक बैठक आयोजित

कालसी। शुक्रवार २१ अप्रैल को लखवाड़ में बांध प्रभावित एसटी/ एससी विस्थापित जन कल्याण

PKD NEWS CHANNEL:- इलम सिंह चौहान

कालसी। शुक्रवार २१ अप्रैल को लखवाड़ में बांध प्रभावित एसटी/ एससी विस्थापित जन कल्याण समिति की एक अति आवश्यक बैठक समिति के अध्यक्ष जगमोहन सिंह चौहान की अध्यक्षता में लखवाड़ स्थित धर्मशाला में आयोजित की गई । जिसमें समिति के सभी सदस्यों व प्रभावित किसान परिवारों को समिति द्वारा अब तक की गई कार्रवाई से अवगत करवाया गया और अग्रिम रणनीति पर विचार विमर्श किया गया।
बैठक में सर्वप्रथम जिलाधिकारी देहरादून द्वारा लखवाड़ बहुउद्देशीय परियोजना के निर्माण हेतु भूमि अधिग्रहण के लिए सामाजिक समाघात निर्धारण अध्ययन समिति के गठन के साथ-साथ अधिसूचना जारी करने पर जिलाधिकारी महोदया का धन्यवाद प्रस्ताव समिति के अध्यक्ष द्वारा पारित किया गया।
इसके साथ साथ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को १२ सूत्रीय मांग पत्र को सर्वसम्मति से तैयार किया कर समस्त सदस्यों को पढ़कर सुनाया गया। जिसको सर्वसम्मति से बांध प्रभावितों ने अपनी स्वीकृति/सहमति प्रदान की तथा समिति के अध्यक्ष को एक प्रतिनिधिमंडल के साथ मिलने के लिए अधिकृत किया गया और साथ ही मुख्यमंत्री को लखवाड़ में आमंत्रित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई।
समिति के सदस्यों एवं प्रभावित किसानों ने भूमि तथा परिसंपत्तियों के मुआवजे की कार्रवाई को शीघ्र प्रारंभ करवाने के लिए उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड तथा उप जिलाधिकारी कालसी से वार्ता कर सभी विभागों को निरीक्षण के लिए संयुक्त रूप से आमंत्रित करने के लिए प्रस्ताव पास किया गया। साथ ही प्रभावित किसानों ने कहा कि वन विभाग, उद्यान विभाग, कृषि विभाग, राजस्व विभाग, उत्तराखंड जल विद्युत निगम के द्वारा बांध प्रभावित किसानों की स्थलीय उपस्थिति में सर्वेक्षण कार्य किया जाए।
समिति के सक्रिय सदस्य चतर सिंह ग्राम लखवाड़ ने प्रस्ताव रखा कि हमारा क्षेत्र जनजाति होने के कारण यहां पर जमीन की खरीद-फरोख्त नहीं होती है इसलिए यहां के सर्किल रेट बहुत कम है इसलिए हमारे क्षेत्र की जमीनों का भुगतान टिहरी गढ़वाल के रयाटगांव को आधार मानकर के किया जाए क्योंकि जो जमीन यमुना नदी के दाएं किनारे पर है उसी तरह की जमीन यमुना नदी के बाएं किनारे पर जनपद टिहरी गढ़वाल में है दोनों जनपद की जमीन लखवाड़ बांध निर्माण के लिए अधिग्रहित की जा रही है। एक ही परियोजना के लिए अलग-अलग जिलों में दो रेट कैसे हो सकते हैं।
उपस्थित समिति के सदस्यों ने प्रस्ताव रखा कि बांध प्रभावित परिवारों को पहचान पत्र के रूप में प्रमाण पत्र, ३०० मेगा वाट लखवाड़ बांध पुनर्वास अधिकारी द्वारा दिए जाने चाहिए जिससे वह अपनी पहचान सरकारी योजनाओं में दे सके।
प्रभावित परिवारों द्वारा मांग की कि बांध के कार्यों के लिए किसी भी श्रेणी के वाहनों को भविष्य में सर्वप्रथम बांध प्रभावितों को वरीयता के आधार पर किराए में लिया जाए और इनसे संबंधित निविदा प्रक्रिया कि सूचना भी समिति को दी जाए।
समिति के सदस्य खुशीराम ग्राम धिरोई के द्वारा प्रस्ताव रखा गया कि क्षतिग्रस्त गौशालाओं और परिसंपत्तियों का उन प्रति कर भुगतान किया जाए क्योंकि विगत ३० वर्षों से गौशाला ध्वस्त स्थिति में जा चुकी हैं तथा पूर्व में सिंचाई विभाग द्वारा इन परिसंपत्तियों की नाप की जा चुकी है।
इसके साथ साथ गुमान सिंह तोमर ग्राम लखस्यार ने बांध प्रभावित परिवार के बेरोजगार सदस्यों को परियोजना क्षेत्र में ठेकेदारी करने की ५ लाख की लिमिट को बड़ा करके पुनरीक्षित करते हुए २५ लाख रुपए करने की मांग के लिए एक प्रस्ताव बनाकर के यूजेवीएनएल को भेजने की भी मांग की गई जिससे क्षेत्र के बेरोजगार नौजवान रोजगार प्राप्त कर सकें।
इसके साथ साथ बढ़े हुए परिवारों की गणना पंचायत रजिस्टर के अनुसार २०२३ के आधार पर की जाएं क्योंकि इससे पहले गणना २०१३ में १० वर्ष पहले हुई थी।
लखवाड़ परियोजना हेतु पूर्व में अधिग्रहित भूमि पर शासनादेश संख्या ६६/१/२०१६/०५/१०४/२०५/दि.१३.०१.२०१६ के अनुसार अनुग्रह अनुदान सहायता राशि ७५ हजार प्रति हेक्टेयर की दर से सरकार द्वारा सुनिश्चित की गई थी अब इस शासनादेश को हो करके ७ साल से अधिक का समय हो चुका है इसके लिए पुनरीक्षित करते हुए आज के बाजारी भाव पर कम से कम २ करोड रुपए प्रति हेक्टेयर की दर से भुगतान किया जाना चाहिए या सापेक्ष भूमि के बदले भूमि उपलब्ध कराई जानी चाहिए।
यूजेवीएन द्वारा वर्ष २०१६ में कुल ९७ पदों पर विज्ञप्ति जारी की गई थी जिसमें मात्र ५८ पदों पर चयन प्रक्रिया पूर्ण की गई थी तथा शेष ३९ पदों पर नवसृजित करके भर्ती की कार्यवाही की जाए जिससे क्षेत्र के बेरोजगारों को रोजगार प्राप्त हो सके।
बांध प्रभावित परिवारों को ५०० यूनिट तक बिजली प्रतिमाह आजीवन निशुल्क दिए जाने का प्रस्ताव भी रखा गया।
इसके साथ साथ जमरानी बांध परियोजना की पुनर्वास नीति जो वर्ष २०२२ में बनी है उसको लखवाड़ बांध के प्रभावितों पर भी लागू की जाए।
बैठक में सर्व सहमति से या निर्णय भी लिया गया कि समिति के कुछ पदाधिकारी बैंकों में बहुत कम उपस्थिति दर्ज कराते हैं और निष्क्रिय हैं उन पदाधिकारियों को पद से मुक्त करके बांध की समस्याओं के प्रति जागरूक व्यक्तियों को यथा योग्य उनकी क्षमता के अनुसार स्थान दिया जाए जिससे समिति बांध विस्थापितों के लिए आने वाले समय में सक्रिय होकर के कार्य कर सके।
आज की बैठक का संचालन समिति के महासचिव इ. स्वराज सिंह तोमर ने किया। आज की बैठक में एसटी/एससी बांध प्रभावितों ने काफी बड़ी संख्या में प्रतिभाग किया।
बैठक में युद्धवीर सिंह ग्राम खाड़ी, भोपाल सिंह चौहान लखवाड़, मेहर सिंह तोमर लक्सयार, नीरज चौहान लखवाड़, भगत सिंह तोमर फौजी, शूरवीर सिंह तोमर, संदीप तोमर धनपौऊ, माया दत्त उनियाल, मुन्ना लाल खुन्ना, महेंद्र दास क्वासा, लुदर सिंह, इंदर सिंह, मीडिया प्रमुख सुशील दयाल लखवाड़, तुमन सिंह लूहन,
ईश्वरी सिंह क्वासा, राकेश चौहान बिसोई, खुशीराम नौटियाल धीरोई, मुकेश सिंह चौहान खुना अलमान
समिति के उपाध्यक्ष सुरेंद्र प्रताप सिंह चौहान, सुपाराम घोई, आदि सदस्य उपस्थित रहे।

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